भारतीय सॉफ्टवेयर टेक्क्नॉलोजी पार्क
भारतीय सॉफ्टवेयर टेक्क्नॉलोजी पार्क या 'सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया' (एस.टी.पी.आई.) सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन सोसाइटी है जिसकी स्थापना भारत से सॉफ्टवेयर के निर्यात को प्रोत्साहित करने, बढ़ावा देने और वृद्धि करने के उद्देश्य से 1991 में की गई थी।
चित्र:Software Technology Parks of India logo.jpg | |
संक्षेपाक्षर | STPI |
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स्थापना | 1991 |
मुख्यालय | नई दिल्ली |
स्थान |
|
सेवित क्षेत्र |
India |
Director General |
Arvind Kumar |
पैतृक संगठन |
इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय |
जालस्थल | https://www.stpi.in/ |
सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया परामर्शी, प्रशिक्षण और कार्यान्वयन सेवाएं प्रदान करने के लिए आंतरिक इंजीनियरी संसाधन रखता है। इन सेवाओं में नेटवर्क डिजाइन, प्रणाली एकीकरण, विविध क्षेत्रों में अप्रयुक्त नेटवर्क और सुविधाओं के संस्थापन, प्रचालन और उनका अनुरक्षण शामिल है।
प्रक्रिया का विकास गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली के आधार पर है। एस.टी.पी.आई. के केन्द्र भी आईएसओ 9001 प्रमाणन का अनुपालन करते हैं।
परिचय
संपादित करेंसूचना प्रौद्योगिकी की क्षमता विकास के उत्प्रेरक के रूप में पहचान करते हुए और सामरिक विकास के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में ‘सॉफ्टवेयर निर्यात, सॉफ्टवेयर विकास और प्रशिक्षण’ पर ध्यान केन्द्रित करते हुए भारत सरकार द्वारा 1986 में अपनाई गई नीति के फलस्वरूप समर्पित सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्कों की स्थापना करने का विचार उत्पन्न हुआ था। सरकार द्वारा सॉफ्टवेयर उद्योग के विकास में आने वाली बाधाओं के कारणों की भी पहचान करने के परिणामस्वरूप ‘सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क’ (एसटीपी) स्कीम तैयार की गई ताकि देश से सॉफ्टवेयर के निर्यात को प्रोत्साहित किया जा सके और उसमें वृद्धि की जा सके।
इन उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित जेसे महत्वपूर्ण पहलुओं के आधार पर एक उपयुक्त फ्रेमवर्क डिजाइन किया गया:
- कार्यविधियों का सरलीकरण/युक्तियुक्तकरण;
- उद्योग को एक स्थान पर सम्पर्क सुविधाएं मुहैया करना/एक स्थान पर (सिंगल विंडो) स्वीकृति देना;
- कार्यान्वयन को पूरा करने की बहुत ही कम अवधि के साथ निर्यात प्रचालनों के लिए आधारभूत सुविधाएं मुहैया करना;
- लागत प्रभावी तरीके से परिकलन संसाधनों और डाटा संचार सेवाओं जैसी उत्कृष्ट अवसंरचनात्मक सुविधाओं का आदान-प्रदान करना।
फ्रेमवर्क इस विधि से तैयार किया गया था जिसका उद्देश्य सॉफ्टवेयर उद्योग, विशेष रूप से छोटे और मझोले उद्यमियों को सुविधाएं देना था जिससे विश्व बाजार में प्रतिस्पर्धा करते हुए देश के आर्थिक विकास की गति को तेज किया जा सके। हाई स्पीड द्वारा कम्युनिकेशन (एचएसडीसी) लिंक्स सहित ढांचागत सुविधाएं मुहैया करके सॉफ्टवेयर उद्योग के संवर्द्धन और विकास के लिए तथा सॉफ्टवेयर निर्यात को बढ़ाने के लिए एसटीपी स्कीम को क्रियान्वित करने के लिए सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (एस.टी.पी.आई.) की स्थापना की गई थी। दिसंबर 2022 में, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में सूचित किया कि राज्य द्वारा संचालित सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया (एसटीपीआई) के साथ पंजीकृत आईटी इकाइयों ने 2021-22 में 6.29 लाख करोड़ रु. मूल्य के सॉफ्टवेयर का निर्यात किया है।[1][2]
एस.टी.पी.आई. : पृष्ठभूमि
संपादित करेंएस.टी.पी./ई.एच.टी.पी. स्कीम के क्रियान्वयन, ढांचागत सुविधाओं की स्थापना और प्रबंधन और प्रौद्योगिकी मूल्यांकन तथा व्यावसायिक प्रशिक्षण जैसी अन्य सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य के साथ सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया की स्थापना और पंजीकरण सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन सोसाइटीज पंजीकरण अधिनियम, 1860 के अंतर्गत एक स्वायत्तशासी सोसाइटी के रूप में 5 जून 1991 को की गई थी।
उद्देश्य
संपादित करें(क) सॉफ्टवेयर और सॉफ्टवेयर सेवाओं के विकास के साथ-साथ सूचना प्रौद्योगिकी योग्य सेवाओं/जैव-प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहन देना।
(ख) एसटीपी/ईएचटीपी योजना तथा समय-समय पर भारत सरकार द्वारा सौंपी गई इसी तरह के अन्य योजनाओं को तैयार करके कार्यान्वित करके निर्यातकों को वैधानिक सेवाएँ प्रदान करना।
(ग) सूचना प्रौद्योगिकी और संबंधित उद्योगों को सूचना प्रौद्योगिकी/सूचना प्रौद्योगिकी योग्य सेवाओं में विभिन्न मूल्य वर्धित सेवाओं सहित आंकड़ा संचार सेवाएंप्रदान करना।
(घ) आईटी/आईटीईएस के क्षेत्र में एक प्रेरक परिवेश बनाकर लधु, छोटे और मध्यम उद्यमियों को प्रोत्साहन देना।