रंग
वर्ण या रंग होते हैं, आभास बोध का मानवी गुण धर्म है, जिसमें लाल, हरा, नीला, इत्यादि होते हैं। रंग, मानवी आँखों की वर्णक्रम से मिलने पर छाया सम्बंधी गतिविधियों से से उत्पन्न होते हैं। रंग की श्रेणियाँ एवं भौतिक विनिर्देश जो हैं, जुड़े होते हैं वस्तु, प्रकाश स्त्रोत, इत्यादि की भौतिक गुणधर्म जैसे प्रकाश अन्तर्लयन, विलयन, समावेशन, परावर्तन या वर्णक्रम उत्सर्ग पर निर्भर भी करते हैं।
रंगों की भौतिकी
संपादित करेंरंग के वैसे तो सिर्फ पांच ही रूप होते हैं जिससे अनेक रंग बनते है। वैसे मूल रंग ३ होते हैं -- लाल, नीला, और पीला। इनमें सफेद और काला भी मूल रंग में अपना योगदान देते है। लाल रंग में अगर पीला मिला दिया जाये, तो केसरिया रंग बनता है। यदि नीले में पीला मिल जाये, तब हरा बन जाता है। इसी तरह से नीला और लाल मिला दिया जाये, तब जामुनी बन जाता है।
रंग
संपादित करेंवर्ण | तरंगदैर्घ्य अंतराल | आवृत्ति अंतराल |
---|---|---|
लाल | ~ 630–700 nm | ~ 480–430 THz |
नारंगी | ~ 590–630 nm | ~ 510–480 THz |
पीला | ~ 560–590 nm | ~ 540–510 THz |
हरा | ~ 490–560 nm | ~ 610–540 THz |
नीला | ~ 450–490 nm | ~ 670–610 THz |
बैंगनी | ~ 400–450 nm | ~ 750–670 THz |
वर्ण | /nm | /1014 Hz | /104 cm−1 | /eV | /kJ mol−1 |
---|---|---|---|---|---|
अधोरक्त | >1000 | <3.00 | <1.00 | <1.24 | <120 |
लाल | 700 | 4.28 | 1.43 | 1.77 | 171 |
नारंगी | 620 | 4.84 | 1.61 | 2.00 | 193 |
पीला | 580 | 5.17 | 1.72 | 2.14 | 206 |
हरा | 530 | 5.66 | 1.89 | 2.34 | 226 |
नीला | 470 | 6.38 | 2.13 | 2.64 | 254 |
बैंगनी | 420 | 7.14 | 2.38 | 2.95 | 285 |
निकटवर्ती पराबैंगनी | 300 | 10.0 | 3.33 | 4.15 | 400 |
दूरवर्ती पराबैंगनी | <200 | >15.0 | >5.00 | >6.20 | >598 |
वस्तुओं के रंग
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इतिहास
संपादित करेंरंग हज़ारों वर्षों से हमारे जीवन में अपनी जगह बनाए हुए हैं। यहाँ आजकल कृत्रिम रंगों का उपयोग जोरों पर है वहीं प्रारंभ में लोग प्राकृतिक रंगों को ही उपयोग में लाते थे। उल्लेखनीय है कि मोहनजोदड़ो और हड़प्पा की खुदाई में सिंधु घाटी सभ्यता की जो चीजें मिलीं उनमें ऐसे बर्तन और मूर्तियाँ भी थीं, जिन पर रंगाई की गई थी। उनमें एक लाल रंग के कपड़े का टुकड़ा भी मिला। विशेषज्ञों के अनुसार इस पर मजीठ या मजिष्ठा की जड़ से तैयार किया गया रंग चढ़ाया गया था। हजारों वर्षों तक मजीठ की जड़ और बक्कम वृक्ष की छाल लाल रंग का मुख्य स्रोत थी। पीपल, गूलर और पाकड़ जैसे वृक्षों पर लगने वाली लाख की कृमियों की लाह से महाउर रंग तैयार किया जाता था। पीला रंग और सिंदूर हल्दी से प्राप्त होता था।
रंगों की तलाश
संपादित करेंक़रीब सौ साल पहले पश्चिम में हुई औद्योगिक क्रांति के फलस्वरूप कपड़ा उद्योग का तेजी से विकास हुआ। रंगों की खपत बढ़ी। प्राकृतिक रंग सीमित मात्रा में उपलब्ध थे इसलिए बढ़ी हुई मांग की पूर्ति प्राकृतिक रंगों से संभव नहीं थी। ऐसी स्थिति में कृत्रिम रंगों की तलाश आरंभ हुई। उन्हीं दिनों रॉयल कॉलेज ऑफ़ केमिस्ट्री, लंदन में विलियम पार्कीसन एनीलीन से मलेरिया की दवा कुनैन बनाने में जुटे थे। तमाम प्रयोग के बाद भी कुनैन तो नहीं बन पायी, लेकिन बैंगनी रंग ज़रूर बन गया। महज संयोगवश 1856 में तैयार हुए इस कृत्रिम रंग को मोव कहा गया। आगे चलकर 1860 में रानी रंग, 1862 में एनलोन नीला और एनलोन काला, 1865 में बिस्माई भूरा, 1880 में सूती काला जैसे रासायनिक रंग अस्तित्त्व में आ चुके थे। शुरू में यह रंग तारकोल से तैयार किए जाते थे। बाद में इनका निर्माण कई अन्य रासायनिक पदार्थों के सहयोग से होने लगा। जर्मन रसायनशास्त्री एडोल्फ फोन ने 1865 में कृत्रिम नील के विकास का कार्य अपने हाथ में लिया। कई असफलताओं और लंबी मेहनत के बाद 1882 में वे नील की संरचना निर्धारित कर सके। इसके अगले वर्ष रासायनिक नील भी बनने लगा। इस महत्त्वपूर्ण कार्य के लिए बइयर साहब को 1905 का नोबेल पुरस्कार भी प्राप्त हुआ था।
मुंबई रंग का काम करने वाली कामराजजी नामक फर्म ने सबसे पहले 1867 में रानी रंग (मजेंटा) का आयात किया था। 1872 में जर्मन रंग विक्रेताओं का एक दल एलिजिरिन नामक रंग लेकर यहाँ आया था। इन लोगों ने भारतीय रंगरेंजों के बीच अपना रंग चलाने के लिए तमाम हथकंडे अपनाए। आरंभ में उन्होंने नमूने के रूप में अपने रंग मुफ़्त बांटे। बाद में अच्छा ख़ासा ब्याज वसूला। वनस्पति रंगों के मुक़ाबले रासायनिक रंग काफ़ी सस्ते थे। इनमें तात्कालिक चमक-दमक भी खूब थी। यह आसानी से उपलब्ध भी हो जाते थे। इसलिए हमारी प्राकृतिक रंगों की परंपरा में यह रंग आसानी से क़ब्ज़ा जमाने में क़ामयाब हो गए।।[2]
सांस्कृतिक दृष्टिकोण
संपादित करेंरंगों से जुड़े अर्थ और सहयोग कला के कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, जिसमें साहित्य भी शामिल है।[3][4]
सहयोग
संपादित करेंविभिन्न रंग कई सांस्कृतिक सहयोग उत्पन्न करते हैं, जैसे कि राष्ट्रीय रंग (विभिन्न रंगों और रंग प्रतीकवाद के लेखों में सामान्य तौर पर वर्णित)। रंग मनोविज्ञान का क्षेत्र यह समझने का प्रयास करता है कि रंग का भावनाओं और मानव गतिविधियों पर क्या प्रभाव होता है।[5] क्रोमोथेरेपी एक वैकल्पिक चिकित्सा का रूप है, जो विभिन्न पूर्वी परंपराओं को सौंपा जाता है। रंग विभिन्न देशों और संस्कृतियों में विभिन्न सहयोग उत्पन्न करते हैं।[6]
चीनी संस्कृति में काला रंग पानी का प्रतीक है। प्राचीन चीनी काले रंग को मुख्य मानते थे।[7] आज चीनी संस्कृति में यह बुराई और दुःख के साथ जुड़ा हुआ है।
रंग भी स्मृति के विकास में भूमिका निभाता है। काले और सफेद फोटोग्राफी की तुलना में रंगीन फोटोग्राफी थोड़ी अधिक स्मरणीय होती है। अनुसंधान यह भी दर्शाते हैं कि चमकीले रंग पहनना आपको उन लोगों के लिए अधिक यादगार बनाता है जिनसे आप मिलते हैं।[8][9]
यह सिद्ध हुआ है कि विभिन्न रंग संज्ञानात्मक क्षमता पर प्रभाव डालते हैं। उदाहरण के लिए, ऑस्ट्रिया के लिन्ज विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने दिखाया कि लाल रंग पुरुषों की संज्ञानात्मक क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से कम करता है।[50] लाल और पीले रंग का संयोजन भूख की भावना उत्पन्न कर सकता है, जिसका फायदा कई नेटवर्क रेस्तरां के मालिक उठाते हैं।
शब्दावली
संपादित करेंरंगों को कई तरीकों से विभाजित किया जाता है, जिसमें टिंट (लाल, नारंगी, पीला, हरा, नीला, और बैंगनी आदि के टिंट्स), संतृप्ति, चमक शामिल हैं। कुछ रंग शब्द इस रंग की वस्तु के नाम से आते हैं, जैसे "नारंगी" या "सैल्मन", जबकि अन्य अमूर्त होते हैं, जैसे "लाल"।
1969 के एक अध्ययन "मूल रंग नाम: उनकी सार्वभौमिकता और विकास" में ब्रेंट बर्लिन और पॉल के ने "मूल" रंगों के नामकरण में एक पैटर्न का वर्णन किया है (उदाहरण के लिए, "लाल", लेकिन नहीं "लाल-नारंगी", "गहरा लाल" या "खूनी लाल", जो "लाल" के "शेड्स" हैं)।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Craig F. Bohren (2006). Fundamentals of Atmospheric Radiation: An Introduction with 400 Problems. Wiley-VCH. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 3527405038. मूल से 22 जुलाई 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 जनवरी 2008.
- ↑ "कैसे आए कृत्रिम रंग". खुलासा डॉट कॉम. अभिगमन तिथि 16 अक्टूबर 2010.
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में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद) - ↑ "Color Symbolism in Literature: Explore 13 Colors and Their Meanings". www.color-meanings.com. अभिगमन तिथि 2024-10-29.
- ↑ "Why is Color symbolism Important In Literature?". colors.dopely.top. अभिगमन तिथि 2024-10-29.
- ↑ "Color Psychology: How Color Affects Your Emotions And Why". www.scienceofpeople.com. अभिगमन तिथि 2024-10-29.
- ↑ "Color Therapy Benefits for Mood & More". draxe.com. अभिगमन तिथि 2024-10-29.
- ↑ "22 Chinese Colors And Meanings". ltl-taiwan.com. अभिगमन तिथि 2024-10-29.
- ↑ "The Power Of Color: How Wearing Bright Hues Can Boost Your Mood". prettyprogressive.com. अभिगमन तिथि 2024-10-29.
- ↑ "Color and Perception". www.realmenrealstyle.com. अभिगमन तिथि 2024-10-29.
बाहरी कड़ियाँ
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