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'''मक्का मस्जिद''', [[हैदराबाद]], [[भारत]] में सबसे पुरानी मस्जिदों में से एक है। और यह भारत के सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है। मक्का मस्जिद पुराने शहर हैदराबाद में एक सूचीबद्ध विरासत इमारत है, जो चौमाहल्ला पैलेस, लाद बाजार और चारमीनार के ऐतिहासिक स्थलों के नजदीक है।
'''मक्का मस्जिद''', [[हैदराबाद]], [[भारत]] में सबसे पुरानी मस्जिदों में से एक है। और यह भारत के सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है। मक्का मस्जिद पुराने शहर हैदराबाद में एक सूचीबद्ध विरासत इमारत है, जो चौमाहल्ला पैलेस, लाद बाजार और चारमीनार के ऐतिहासिक स्थलों के नजदीक है।


मक्का मस्जिद [[हैदराबाद]], [[भारत]] में स्थित एक मस्जिद और ऐतिहासिक इमारत है। [[मुहम्मद क़ुली क़ुतुब शाह|मुहम्मद क़ुली क़ुत्ब शाह]], हैदराबाद के 6वें सुलतान ने [[1617]] मे मीर [[फ़ैज़ुल्लाह बैग़]] और [[रंगियाह चौधरी]] के निगरानी मे इसका निर्माण शुरू किया था। यह काम अब्दुल्लाह क़ुतुब शाह और [[ताना शाह]] के वक़्त में ज़ारी रहा और [[1694]] में [[मुग़ल]] सम्राट [[औरंग़ज़ेब]] के वक़्त में पूरा हुआ। कहते है कि इसे बनाने मे लगभग 8000 राजगीर और 77 वर्ष लगे।
मक्का मस्जिद [[हैदराबाद]], [[भारत]] में स्थित एक मस्जिद और ऐतिहासिक इमारत है। [[मुहम्मद क़ुली क़ुतुब शाह|मुहम्मद क़ुली क़ुत्ब शाह]], हैदराबाद के 6वें सुलतान ने [[१६१७|1617]] मे मीर [[फ़ैज़ुल्लाह बैग़]] और [[रंगियाह चौधरी]] के निगरानी मे इसका निर्माण शुरू किया था। यह काम अब्दुल्लाह क़ुतुब शाह और [[ताना शाह]] के वक़्त में ज़ारी रहा और [[१६९४|1694]] में [[मुग़ल साम्राज्य|मुग़ल]] सम्राट [[औरंगज़ेब|औरंग़ज़ेब]] के वक़्त में पूरा हुआ। कहते है कि इसे बनाने मे लगभग 8000 राजगीर और 77 वर्ष लगे।


कुतुब शाही राजवंश के पांचवें शासक मोहम्मद कुली कुतुब शाह ने इस्लाम की सबसे पवित्र जगह मक्का से लाई गई मिट्टी से बने ईंटों से इसका निर्माण शुरू किया, और उन्हें मस्जिद के केंद्रीय कमान के निर्माण में इस्तेमाल किया, इस प्रकार मस्जिद को मक्काह मस्जिद रखा गया। मोहम्मद कुली कुतुब शाह ने इस मस्जिद का निर्माण शहर के केंद्रपंथ में करके इसके आसपास शहर की योजना की थी । <ref>{{cite web|url=http://www.britannica.com/EBchecked/topic/371808/Mecca-Mosque|title=Mecca Mosque|work=Encyclopædia Britannica|accessdate=3 November 2011}}</ref>
कुतुब शाही राजवंश के पांचवें शासक मोहम्मद कुली कुतुब शाह ने इस्लाम की सबसे पवित्र जगह मक्का से लाई गई मिट्टी से बने ईंटों से इसका निर्माण शुरू किया, और उन्हें मस्जिद के केंद्रीय कमान के निर्माण में इस्तेमाल किया, इस प्रकार मस्जिद को मक्काह मस्जिद रखा गया। मोहम्मद कुली कुतुब शाह ने इस मस्जिद का निर्माण शहर के केंद्रपंथ में करके इसके आसपास शहर की योजना की थी । <ref>{{cite web|url=http://www.britannica.com/EBchecked/topic/371808/Mecca-Mosque|title=Mecca Mosque|work=Encyclopædia Britannica|accessdate=3 November 2011|archive-url=https://web.archive.org/web/20130930192845/http://www.britannica.com/EBchecked/topic/371808/Mecca-Mosque|archive-date=30 सितंबर 2013|url-status=live}}</ref>


==इतिहास और निर्माण==
==इतिहास और निर्माण==
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जीन-बैपटिस्ट टेवर्नियर, फ्रांसीसी खोजकर्ता, ने अपनी यात्रा में देखा;
जीन-बैपटिस्ट टेवर्नियर, फ्रांसीसी खोजकर्ता, ने अपनी यात्रा में देखा;


<blockquote>"इस निर्माण के लिए लगभग 50 साल लगे, जब से वह इस निर्माण का शानदार काम शुरू किया था, यह निर्माण एक मस्जिद है जो पूरे भारत में सब से बड़ी होगी जब इस का निर्माण पूरा हो जाएगा। यह मस्जिद ग्रेनाइट के पत्थरों से बनाई गई है, इसके ग्रेनाइट को खदान से निकालने और तराशने पांच साल लग गए, और 500 से 600 पुरुष लगातार इस काम पर नियोजित थे। इसे आगे बढ़ाने के लिए इसे और अधिक समय की आवश्यकता थी और इन चतानों को खींचने के लिए 1400 बैलों का उपयोग किया गया। " <ref>Jean-Baptiste Tavernier, ''Travels in India'' (English translation), Oxford University Press, Humphrey Milford, translated by Ball, London 1925 pg 205. Both volumes translated from ''Le Six Voyages'' of J. B. Tavernier (2 vols. 4to, Paris, 1676)</ref></blockquote>
<blockquote>"इस निर्माण के लिए लगभग 50 साल लगे, जब से वह इस निर्माण का शानदार काम शुरू किया था, यह निर्माण एक मस्जिद है जो पूरे भारत में सब से बड़ी होगी जब इस का निर्माण पूरा हो जाएगा। यह मस्जिद ग्रेनाइट के पत्थरों से बनाई गई है, इसके ग्रेनाइट को खदान से निकालने और तराशने पांच साल लग गए, और 500 से 600 पुरुष लगातार इस काम पर नियोजित थे। इसे आगे बढ़ाने के लिए इसे और अधिक समय की आवश्यकता थी और इन चट्टानों को खींचने के लिए 1400 बैलों का उपयोग किया गया। " <ref>Jean-Baptiste Tavernier, ''Travels in India'' (English translation), Oxford University Press, Humphrey Milford, translated by Ball, London 1925 pg 205. Both volumes translated from ''Le Six Voyages'' of J. B. Tavernier (2 vols. 4to, Paris, 1676)</ref></blockquote>


[[File:Mecca Masjid front view, Hyderabad.JPG|thumb|मक्का मस्जिद के सामने का हिस्सा]]
[[File:Mecca Masjid front view, Hyderabad.JPG|thumb|मक्का मस्जिद के सामने का हिस्सा]]
[[File:Mecca Masjid at Hyderabad.jpg|thumb|upright|मक्का मस्जिद के मीनार]]
[[File:Mecca Masjid at Hyderabad.jpg|thumb|upright|मक्का मस्जिद के मीनार]]
[[File:Mecca Masjid graves.jpg|thumb|हैदराबाद के निज़ामों की क़ब्र (चित्र में : हरी चादर में निज़ाम- महबूब अली खान की खबर )|पाठ=]]
[[File:Mecca Masjid graves.jpg|thumb|हैदराबाद के निज़ामों की क़ब्र (चित्र में : हरी चादर में 6th निज़ाम- [[महबूब अली खान]] की कब्र )|पाठ=]]


==वास्तुकला और डिजाइन==
==वास्तुकला और डिजाइन==
मस्जिद का मुख्य हॉल 75 फीट ऊंचा, 220 फीट चौड़ा और 180 फीट लंबा है, जो एक समय में 10,000 उपासकों को समायोजित करने के लिए पर्याप्त है। पंद्रह आर्च मुख्य हॉल की छत को संभालने के लिए लगे हैं, तीनों तरफ पांच पांच हैं। चौथी तरफ एक दीवार बनाई गई [[मिहराब]] के लिए।
मस्जिद का मुख्य हॉल 75 फीट ऊंचा, 220 फीट चौड़ा और 180 फीट लंबा है, जो एक समय में 10,000 उपासकों को समायोजित करने के लिए पर्याप्त है। पंद्रह आर्च मुख्य हॉल की छत को संभालने के लिए लगे हैं, तीनों तरफ पांच पांच हैं। चौथी तरफ एक दीवार बनाई गई [[मिहराब]] के लिए।


मस्जिद के किनारे मीनारों की चोटी पर एक कमानों की गैलरी है, और उसके ऊपर एक छोटा गुंबद और एक शिखर है। [[कुरान]] की [[आयत|आयतों]] से सजे शिलालेख कई मेहराबों और दरवाजों पर सजे नज़र आते हैं। [[मस्जिद]] की मुख्य संरचना [[ग्रेनाइट]] पत्थर हैं, जो दो बड़े अष्टकोणीय स्तंभों के बीच में लगाई गई हैं। पूरे मस्जिद की संरचना के चारों ओर मेहराबों पर पुष्प आकृतियां और क़ुतुब शाही वास्तुकला विस्तार से छलकती है। पर्यटकों को यह ध्यान और याद दिलाती हैं की यह वास्तुकला चारमीनार और गोलकोंडा किले में मेहराबों जैसी ही है।
मस्जिद के किनारे मीनारों की चोटी पर एक कमानों की गैलरी है, और उसके ऊपर एक छोटा गुंबद और एक शिखर है। [[क़ुरआन|कुरान]] की [[आयत|आयतों]] से सजे शिलालेख कई मेहराबों और दरवाजों पर सजे नज़र आते हैं। [[मस्जिद]] की मुख्य संरचना [[ग्रेनाइट]] पत्थर हैं, जो दो बड़े अष्टकोणीय स्तंभों के बीच में लगाई गई हैं। पूरे मस्जिद की संरचना के चारों ओर मेहराबों पर पुष्प आकृतियां और क़ुतुब शाही वास्तुकला विस्तार से छलकती है। पर्यटकों को यह ध्यान और याद दिलाती हैं की यह वास्तुकला चारमीनार और गोलकोंडा किले में मेहराबों जैसी ही है।


मुख्य मस्जिद पर छत के चार किनारों पर, बालकनियों पर उलटे कप के आकार में ग्रेनाइट से बने छोटे [[गुम्बद]] बनाये गए हैं। मस्जिद के मीनार [[निज़ाम]] के क़ब्र के पास के मीनारों से ऊंचे नहीं हैं। अष्टकोणीय स्तंभों पर बलकनियाँ बनी हैं जो छत से मिलती हैं, जिसके ऊपर कॉलम की ओर बढ़ता है और शिखर पर एक गुम्बद सजाया गया है।
मुख्य मस्जिद पर छत के चार किनारों पर, बालकनियों पर उलटे कप के आकार में ग्रेनाइट से बने छोटे [[गुम्बज़|गुम्बद]] बनाये गए हैं। मस्जिद के मीनार [[हैदराबाद के निज़ाम|निज़ाम]] के क़ब्र के पास के मीनारों से ऊंचे नहीं हैं। अष्टकोणीय स्तंभों पर बलकनियाँ बनी हैं जो छत से मिलती हैं, जिसके ऊपर कॉलम की ओर बढ़ता है और शिखर पर एक गुम्बद सजाया गया है।


[[File:MeccaMasjidFromCharminar.jpg|thumb|चारमीनार से मक्का मस्जिद सड़क दृश्य]]
[[File:MeccaMasjidFromCharminar.jpg|thumb|चारमीनार से मक्का मस्जिद सड़क दृश्य]]


===मक़बरे===
===मक़बरे===
मस्जिद का प्रवेश द्वार बहुत सुन्दर है, रचेस से बने इस इमारत में [[आसफ़ जाही राजवंश|असफ़ जाही]] शासकों की संगमरमर की कब्रें हैं। यह संरचना असफ जाह शासकों के शासन के दौरान आई थी। इसमें [[निज़ाम|निज़ाम ोँ]] और उनके परिवार के कब्र शामिल हैं।
मस्जिद का प्रवेश द्वार बहुत सुन्दर है, रचेस से बने इस इमारत में [[आसफ़ जाही राजवंश|असफ़ जाही]] शासकों की संगमरमर की कब्रें हैं। यह संरचना असफ जाह शासकों के शासन के दौरान आई थी। इसमें [[हैदराबाद के निज़ाम|निज़ाम ोँ]] और उनके परिवार के कब्र शामिल हैं।


[[आसफ़ जाही राजवंश]] के परिवार का यह क़ब्रों का विश्राम स्थान के दोनों सिरों पर और इसका बहुत अधिक हिस्से में, दो आयताकार ब्लॉक हैं जिनमें प्रत्येक चार मीनार हैं। इन मीनारों में कम सजावटी दीवारों और मेहराब के साथ खूबसूरत बलकनियाँ हैं। उनके ऊपर एक अष्टकोणीय उलटा प्लेटर है जिसमें से बाकी मीनार बनाये गए हैं जिस पर गुंबद और एक शिखर से सजाया गया है।
[[आसफ़ जाही राजवंश]] के परिवार का यह क़ब्रों का विश्राम स्थान के दोनों सिरों पर और इसका बहुत अधिक हिस्से में, दो आयताकार ब्लॉक हैं जिनमें प्रत्येक चार मीनार हैं। इन मीनारों में कम सजावटी दीवारों और मेहराब के साथ खूबसूरत बलकनियाँ हैं। उनके ऊपर एक अष्टकोणीय उलटा प्लेटर है जिसमें से बाकी मीनार बनाये गए हैं जिस पर गुंबद और एक शिखर से सजाया गया है।
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==बमबारी==
==बमबारी==
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18 मई 2007 को, शुक्रवार की प्रार्थनाओं के दौरान मक्का मस्जिद के अंदर एक बम विस्फोट हुआ, कम से कम तेरह लोग मारे गए और दर्जनों लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। <ref>{{cite web|url=http://news.bbc.co.uk/2/hi/south_asia/6668695.stm|title=Bomb hits historic India mosque|work=BBC News Online|date=18 May 2007}}</ref><ref>{{cite web|url=http://articles.timesofindia.indiatimes.com/2010-08-08/india/28303594_1_huji-mecca-mosque-blast-abhinav-bharat|title=HuJI ban takes no note of 'terror' role|work=Times of India|date=8 August 2010}}</ref>
18 मई 2007 को, शुक्रवार की प्रार्थनाओं के दौरान मक्का मस्जिद के अंदर एक बम विस्फोट हुआ, कम से कम तेरह लोग मारे गए और दर्जनों लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। <ref>{{cite web|url=http://news.bbc.co.uk/2/hi/south_asia/6668695.stm|title=Bomb hits historic India mosque|work=BBC News Online|date=18 May 2007}}</ref>


पकड़ा गया [[भगवा आतंकवाद|हिंदुत्व आतंकवादी]] - स्वामी असीमानंद हिंदू आतंकवादी संगठन - [[राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ|आर, एस, एस]] का सदस्य था।
पकड़ा गया [[भगवा आतंकवाद|हिंदुत्व आतंकवादी]] - स्वामी असीमानंद हिंदू आतंकवादी संगठन - [[राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ|आर, एस, एस]] का सदस्य था।<ref name="caught">{{cite web|url=http://articles.timesofindia.indiatimes.com/2010-08-08/india/28303594_1_huji-mecca-mosque-blast-abhinav-bharat|title=HuJI ban takes no note of 'terror' role|work=Times of India|date=8 August 2010|access-date=27 मई 2018|archive-date=4 नवंबर 2012|archive-url=https://web.archive.org/web/20121104205622/http://articles.timesofindia.indiatimes.com/2010-08-08/india/28303594_1_huji-mecca-mosque-blast-abhinav-bharat|url-status=dead}}</ref>


दिसंबर 2010 को असीमानंद द्वारा लिखे गए एक पत्र को सीबीआई को कबूल करने के दो दिन बाद, जनवरी 2011 में सबूत के रूप में प्रस्तुत किया गया था कि वह यह स्वीकार करने के लिए वास्तव में स्वैच्छिक था।
दिसंबर 2010 को असीमानंद द्वारा लिखे गए एक पत्र को सीबीआई को कबूल करने के दो दिन बाद, जनवरी 2011 में सबूत के रूप में प्रस्तुत किया गया था कि वह यह स्वीकार करने के लिए वास्तव में स्वैच्छिक था।<ref name="caught"/>


== सन्दर्भ ==
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==बाहरी कड़ियाँ==
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{{Commons category|Mecca Masjid, Hyderabad, India}}
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*[http://www.hyderabadplanet.com/mecca-masjid-photos.html मक्का मस्जिद के चित्र HyderabadPlanet.com पर]
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{{भारत की मस्जिदें}}
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[[श्रेणी:भारत में मस्जिदें]]
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[[श्रेणी:आसफ़ जाही सल्तनत]]
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12:15, 23 जुलाई 2024 के समय का अवतरण

मक्का मस्जिद
मक्का मस्जिद
धर्म संबंधी जानकारी
सम्बद्धताIslam
चर्च या संगठनात्मक स्थितिमस्जिद
अवस्थिति जानकारी
अवस्थितिहैदराबाद
राज्यतेलंगाना, भारत[1]
भौगोलिक निर्देशांक17°21′37″N 78°28′24″E / 17.360305°N 78.473416°E / 17.360305; 78.473416निर्देशांक: 17°21′37″N 78°28′24″E / 17.360305°N 78.473416°E / 17.360305; 78.473416
वास्तु विवरण
प्रकारइस्लामी वास्तुकला
शैलीकुत्ब शाही, आसफ़ जाही
निर्माण पूर्ण1694
आयाम विवरण
क्षमता20,000
लम्बाई67 m
चौड़ाई54 m
ऊँचाई (अधि.)23 m
निर्माण सामग्रीGranite
देर 19वीं शब्दाती में मक्का मस्जिद

मक्का मस्जिद, हैदराबाद, भारत में सबसे पुरानी मस्जिदों में से एक है। और यह भारत के सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है। मक्का मस्जिद पुराने शहर हैदराबाद में एक सूचीबद्ध विरासत इमारत है, जो चौमाहल्ला पैलेस, लाद बाजार और चारमीनार के ऐतिहासिक स्थलों के नजदीक है।

मक्का मस्जिद हैदराबाद, भारत में स्थित एक मस्जिद और ऐतिहासिक इमारत है। मुहम्मद क़ुली क़ुत्ब शाह, हैदराबाद के 6वें सुलतान ने 1617 मे मीर फ़ैज़ुल्लाह बैग़ और रंगियाह चौधरी के निगरानी मे इसका निर्माण शुरू किया था। यह काम अब्दुल्लाह क़ुतुब शाह और ताना शाह के वक़्त में ज़ारी रहा और 1694 में मुग़ल सम्राट औरंग़ज़ेब के वक़्त में पूरा हुआ। कहते है कि इसे बनाने मे लगभग 8000 राजगीर और 77 वर्ष लगे।

कुतुब शाही राजवंश के पांचवें शासक मोहम्मद कुली कुतुब शाह ने इस्लाम की सबसे पवित्र जगह मक्का से लाई गई मिट्टी से बने ईंटों से इसका निर्माण शुरू किया, और उन्हें मस्जिद के केंद्रीय कमान के निर्माण में इस्तेमाल किया, इस प्रकार मस्जिद को मक्काह मस्जिद रखा गया। मोहम्मद कुली कुतुब शाह ने इस मस्जिद का निर्माण शहर के केंद्रपंथ में करके इसके आसपास शहर की योजना की थी । [2]

इतिहास और निर्माण

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मक्का मस्जिद गोलकुंडा (अब हैदराबाद) के 5 वें कुतुब शाही सुल्तान मुहम्मद क़ुली क़ुतुब शाह के शासनकाल के दौरान बनाया गया था। तीन कमानी ग्रेनाइट के टुकड़ों से नक्काशीदार किया गया है, जिनकी खदान के लिए पांच साल लग गए। मस्जिद बनाने के लिए 8,000 से अधिक श्रमिकों को नियोजित किया गया था। मुहम्मद कुली कुतुब शाह ने व्यक्तिगत रूप से आधारशिला रखी और इसे बनाया।

जीन-बैपटिस्ट टेवर्नियर, फ्रांसीसी खोजकर्ता, ने अपनी यात्रा में देखा;

"इस निर्माण के लिए लगभग 50 साल लगे, जब से वह इस निर्माण का शानदार काम शुरू किया था, यह निर्माण एक मस्जिद है जो पूरे भारत में सब से बड़ी होगी जब इस का निर्माण पूरा हो जाएगा। यह मस्जिद ग्रेनाइट के पत्थरों से बनाई गई है, इसके ग्रेनाइट को खदान से निकालने और तराशने पांच साल लग गए, और 500 से 600 पुरुष लगातार इस काम पर नियोजित थे। इसे आगे बढ़ाने के लिए इसे और अधिक समय की आवश्यकता थी और इन चट्टानों को खींचने के लिए 1400 बैलों का उपयोग किया गया। " [3]

मक्का मस्जिद के सामने का हिस्सा
मक्का मस्जिद के मीनार
हैदराबाद के निज़ामों की क़ब्र (चित्र में : हरी चादर में 6th निज़ाम- महबूब अली खान की कब्र )

वास्तुकला और डिजाइन

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मस्जिद का मुख्य हॉल 75 फीट ऊंचा, 220 फीट चौड़ा और 180 फीट लंबा है, जो एक समय में 10,000 उपासकों को समायोजित करने के लिए पर्याप्त है। पंद्रह आर्च मुख्य हॉल की छत को संभालने के लिए लगे हैं, तीनों तरफ पांच पांच हैं। चौथी तरफ एक दीवार बनाई गई मिहराब के लिए।

मस्जिद के किनारे मीनारों की चोटी पर एक कमानों की गैलरी है, और उसके ऊपर एक छोटा गुंबद और एक शिखर है। कुरान की आयतों से सजे शिलालेख कई मेहराबों और दरवाजों पर सजे नज़र आते हैं। मस्जिद की मुख्य संरचना ग्रेनाइट पत्थर हैं, जो दो बड़े अष्टकोणीय स्तंभों के बीच में लगाई गई हैं। पूरे मस्जिद की संरचना के चारों ओर मेहराबों पर पुष्प आकृतियां और क़ुतुब शाही वास्तुकला विस्तार से छलकती है। पर्यटकों को यह ध्यान और याद दिलाती हैं की यह वास्तुकला चारमीनार और गोलकोंडा किले में मेहराबों जैसी ही है।

मुख्य मस्जिद पर छत के चार किनारों पर, बालकनियों पर उलटे कप के आकार में ग्रेनाइट से बने छोटे गुम्बद बनाये गए हैं। मस्जिद के मीनार निज़ाम के क़ब्र के पास के मीनारों से ऊंचे नहीं हैं। अष्टकोणीय स्तंभों पर बलकनियाँ बनी हैं जो छत से मिलती हैं, जिसके ऊपर कॉलम की ओर बढ़ता है और शिखर पर एक गुम्बद सजाया गया है।

चारमीनार से मक्का मस्जिद सड़क दृश्य

मस्जिद का प्रवेश द्वार बहुत सुन्दर है, रचेस से बने इस इमारत में असफ़ जाही शासकों की संगमरमर की कब्रें हैं। यह संरचना असफ जाह शासकों के शासन के दौरान आई थी। इसमें निज़ाम ोँ और उनके परिवार के कब्र शामिल हैं।

आसफ़ जाही राजवंश के परिवार का यह क़ब्रों का विश्राम स्थान के दोनों सिरों पर और इसका बहुत अधिक हिस्से में, दो आयताकार ब्लॉक हैं जिनमें प्रत्येक चार मीनार हैं। इन मीनारों में कम सजावटी दीवारों और मेहराब के साथ खूबसूरत बलकनियाँ हैं। उनके ऊपर एक अष्टकोणीय उलटा प्लेटर है जिसमें से बाकी मीनार बनाये गए हैं जिस पर गुंबद और एक शिखर से सजाया गया है।

रखरखाव मुद्दा

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मक्का मस्जिद एक सूचीबद्ध विरासत इमारत है, हालांकि, रखरखाव की कमी और बढ़ते प्रदूषण ने इस इमारत को सूखा दिया है और संरचना को तोड़ दिया है। 1995 में इसे रासायनिक पदार्थों से धोया गया ताकि उसकी पिछली सुंदरता फिर से वापिस लाया जासके।

किंवदंतियों

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हौज़ के किनारे पर दो पत्थर और स्लैब बेंच हैं, जो भी उनके ऊपर बैठते हैं, पुरानी कथाओं के अनुसार, उन पर बैठने के लिए फिर से लौट कर आते हैं।

माना जाता है कि इस मस्जिद के आंगन में एक कमरे में इस्लामिक पैगंबर मुहम्मद साहब का एक केश रखा गया है ।

18 मई 2007 को, शुक्रवार की प्रार्थनाओं के दौरान मक्का मस्जिद के अंदर एक बम विस्फोट हुआ, कम से कम तेरह लोग मारे गए और दर्जनों लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। [4]

पकड़ा गया हिंदुत्व आतंकवादी - स्वामी असीमानंद हिंदू आतंकवादी संगठन - आर, एस, एस का सदस्य था।[5]

दिसंबर 2010 को असीमानंद द्वारा लिखे गए एक पत्र को सीबीआई को कबूल करने के दो दिन बाद, जनवरी 2011 में सबूत के रूप में प्रस्तुत किया गया था कि वह यह स्वीकार करने के लिए वास्तव में स्वैच्छिक था।[5]

सन्दर्भ

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  1. Google maps. "Location of Makkah Masjid". Google maps. अभिगमन तिथि 24 September 2013.[मृत कड़ियाँ]
  2. "Mecca Mosque". Encyclopædia Britannica. मूल से 30 सितंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 November 2011.
  3. Jean-Baptiste Tavernier, Travels in India (English translation), Oxford University Press, Humphrey Milford, translated by Ball, London 1925 pg 205. Both volumes translated from Le Six Voyages of J. B. Tavernier (2 vols. 4to, Paris, 1676)
  4. "Bomb hits historic India mosque". BBC News Online. 18 May 2007.
  5. "HuJI ban takes no note of 'terror' role". Times of India. 8 August 2010. मूल से 4 नवंबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 मई 2018.

बाहरी कड़ियाँ

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