गामा किरण
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गामा किरण (γ-किरण) एक प्रकार का विद्युत चुम्बकीय विकिरण या फोटॉन हैं, जो परमाणु-नाभिक के रेडियोसक्रिय क्षय से उत्पन्न होता है। गामा किरणों के फोटॉनों की ऊर्जा अब तक प्रेक्षित अन्य सभी फोटॉनों की ऊर्जा से अधिक होती है। सन १९०० में फ्रांस के भौतिकशास्त्री Paul ulrich villard ने इसकी खोज की थी जब वे रेडियम से निकलने वाले विकिरण का अध्ययन कर रहे थे। गामा किरणे का नाम रदरफोड॔ ने दिया था|
जब परमाणु का नाभिक एक उच्च ऊर्जा स्तर से निम्न ऊर्जा स्तर पर क्ष्यित होता है तो इस प्रक्रिया में गामा किरणें निकली हैं। इस प्रक्रिया को गामा-क्षय (gamma decay) कहा जाता है।
अपने ऊँचे ऊर्जा स्तर के कारण, जैविक कोशिका द्वारा सोख लिए जाने पर अत्यंत नुकसान पहुँचा सकती हैं। गामा किरण नाभिक में से अल्फा और बीटा के निकलने से बनता है । यह सबसे अधिक वेधन छमता वाला किरण होता है।
गुणधर्म
इसका भेदन क्षमता अल्फा तथा बीटा किरणों के मुकाबले अधिक होता है ये किरणें गैस को आयनीकृत कर देती हैं। सबसे अधिक क्षमता वाला किरण है।।
शील्डिंग =
पदार्थ के साथ अनुक्रिया
जब गामा किरणें किसी पदार्थ से होकर गुजरती हैं तो पदार्थ द्वारा इन किरणों को अवशोषित किये जाने की प्रायिकता उस पदार्थ की परत की मोटाई, पदार्थ के घनत्व, तथा पदार्थ के अवशोषण-प्रतिच्छेद (absorption cross section) के समानुपाती होती है। पदार्थ के अन्दर x-दूरी पार करने के बाद गामा किरणों की तीव्रता निम्नलिखित सूत्र से दी जा सकती है-
जहाँ μ = nσ को अवशोषण गुणांक कहते हैं (इकाई cm−1) ; n पदार्थ के प्रति cm3 में परमाणुओं की संख्या है ; तथा σ अवशोषण प्रतिच्छेद है (इकाई cm2)
पदार्थ से होकर गुजरते समय गामा विकिरण पदार्थ का आयनीकरण कर देता है। यह आयनीकरण तीन प्रक्रमों द्वारा होता है-
- प्रकाशविद्युत प्रभाव,
- कॉम्प्टन प्रकीर्णन, तथा
- युग्म उत्पादन (pair production)।
उपयोग
- गामा किरणे, ब्रह्माण्ड में होने वाली अति उच्च ऊर्जा वाली परिघटनाओं के बारे में जानकारी देता है।
- गामा किरणों के द्वारा आनविक परिवर्तन किया जा सकता है। इसी प्रक्रिया द्वारा अर्ध-रत्नों (semi-precious stones) के गुणों को बदला जाता है।
- संवेदक (सेन्सर) - स्तर (levels), घनत्व तथा मोटाई मापने के लिये।
- जीवाणुओं को मारने के लिये - इसे गामा किरणन कहते हैं। गामा किरणन द्वारा चिकित्सा उपकरणों का रोगाणुनाशन (sterilization) किया जाता है जो रासायनिक विधि तथा अन्य विधियों से की जाने वाले रोगाणुनाशन का विकल्प बनकर उभरी है।
- गामा किरणों के द्वारा भोज्य पदार्थों से उन जीवाणुओं को मार दिया जाता है जो उनका क्षय करते हैं।
- फल और शब्जियों का अंकुरण रोकने के लिये, या अंकुरण की गति कम करने के लिये या अंकुरण में देरी करने के लिए।
- कैंसर की चिकित्सा में (गामा किरणों के कारण कैंसर भी हो सकता है।)
रेडियो वर्णक्रम | ||||||||||
अत्यधिक निम्न आवृत्ति (ELF) | परम निम्न आवृत्ति (SLF) | अत्यन्त निम्न आवृत्ति (ULF) | अति निम्न आवृत्ति (VLF) | निम्न आवृत्ति (LF) | मध्यम आवृत्ति (MF) | उच्चावृत्ति (HF) | अत्योच्चावृत्ति (VHF) | अत्यन्त उच्चावृत्ति (UHF) | परम उच्चावृत्ति (SHF) | अत्यधिक उच्चावृत्ति (EHF) |
3 Hz | 30 Hz | 300 Hz | 3 किलो हर्ट्ज़ | 30 किलो हर्ट्ज़ | 300 किलो हर्ट्ज़ | 3 मैगा हर्ट्ज़ | 30 मैगा हर्ट्ज़ | 300 मैगा हर्ट्ज़ | 3 गीगा हर्ट्ज़ | 30 गीगा हर्ट्ज़ |
30 Hz | 300 Hz | 3 किलो हर्ट्ज़ | 30 किलो हर्ट्ज़ | 300 किलो हर्ट्ज़ | 3 मैगा हर्ट्ज़ | 30 मैगा हर्ट्ज़ | 300 मैगा हर्ट्ज़ | 3 गीगा हर्ट्ज़ | 30 गीगा हर्ट्ज़ | 300 गीगा हर्ट्ज़ |