कुलोत्तुंग चोल तृतीय
दिखावट
(कुलोत्तुंग चोल III से अनुप्रेषित)
इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर इस लेख में सुधार करें। स्रोतहीन सामग्री ज्ञानकोश के उपयुक्त नहीं है। इसे हटाया जा सकता है। (जून 2021) स्रोत खोजें: "कुलोत्तुंग चोल तृतीय" – समाचार · अखबार पुरालेख · किताबें · विद्वान · जेस्टोर (JSTOR) |
कुलोत्तुंग चोल तृतीय (१२०५-१२१८ ई.) चोल राज्य के वैभव के अपकर्षकाल का शासक था। इसने पहले तो पांड्यनरेश जटावर्मन कुलेश्वर को बुरी तरह पराजित किया था। बाद में उसने होयसल नरेश वल्लाल (द्वितीय) की सहायता से ही अपने राज्य पर अधिकार प्राप्त किया; किंतु उसे पांड्य नरेश की अधीनता स्वीकार करनी पड़ी। इसकी ख्याति कुभकोणम् के निकट त्रिभुवनम् में कंपहरेश्वर का मंदिर बनवाने के लिए हैं। इसके ही शासनकाल में कंबन ने रामावतारम् (तमिल रामायण) की रचना की थी।