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पूरा

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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पूरा वि॰ पुं॰ [सं॰ पूर्ण] [वि॰ स्त्री॰ पूरी]

१. जो खाली न हो । भरा । परिपूर्ण ।

२. जिसका अंश या विभाग न किया गया हो अथवा जिसके टुकड़े या विभाग न हुए हों । समूचा । सोलह आना । समग्र । समस्त । सकल ।

३. जिसमें को ई कमी या कसर न रह गई हो । पूर्ण । कामिल । जैसे, पूरा मर्द, पूरा अधिकार, पूरा दबाव आदि । क्रि॰ प्र॰—पड़ना ।—उतरना ।—डालना ।—होना ।

४. भरपूर । यथेच्छ । काफी । बहुत । जैसे,—मेरे पास पूरा सामान है, डरने की कोई बात नहीं । मुहा॰—किसी बात का पूरा = (१) जिसके पास कोई वस्तु यथेष्ट या प्रचुर हो । जैसे, विद्या का पूरा, बल का पूरा । (२) पक्का । दृढ़ । मजबूत । अटल । जैसे, बात का पूरा, वादे का पूरा । किसी का पूरा पड़ना = कार्य पूर्ण हो जाना सामग्री न घटना । सामग्री की कमी से बाधा न आना । जैसे,— (क) मैं समझता हूँ कि इतनी सामग्री से तुम्हारा सब काम पूरा पड़ जायगा । (ख) जाओ, तुम्हारा कभी पूरा न पड़ेगा ।

५. संपन्न । पूर्ण । सपादित । कृत । जिसके किए जाने में कुछ कसर न रह गई हो । जैसे, काम पूरा होना । (इसका व्यवहार प्रायः 'करना' क्रिया के साथ होता है ।) क्रि॰ प्र॰—करना ।—होना । मुहा॰—(कोई काम) पूरा उतरना = अच्छी तरह होना । जैसा चाहिए वैसा ही होना । जैसे—काम पूरा उतर जाय तो जानें । बात पूरी उतरना = ठीक निकलना । सत्य उतरना । सच होना । जैसा कहा गया हो वैसा ही होना । दिन पूरे करना = (१) समय बिताना । किसी प्रकार कालक्षेप करना । (२) किसी अवधि तक समय बिताना । जैसे, बनवास के दिन पूरे करना । (दिन) पूरे होना = अंतिम समय निकट आना । जैसे, अब उनके दिन पूरे हो गए ।

६. तुष्ट । पूर्ण । जैसे,—हमारी इच्छाएँ पूरी हो गई ।