पैरों पर ठीक से खड़े भी नहीं हो पाती, अब पैराशूटिंग में देश को दिलाया गोल्ड

7 वर्ष पहले
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भोपाल. 16 साल की एमपी की पैराशूटर रूबीना अपने पैरों पर ठीक से खड़े भी नहीं हो पातीं, लेकिन हौसले और प्रतिभा के बल पर वे बैंकॉक में वर्ल्ड शूटिंग पैरा स्पोर्टस वर्ल्ड कप में देश के लिए गोल्ड जीता। ये कारनाम करने वाली रूबीन देश की पहली पैराशूटर हैं।  रूबीना फ्रांसिस के साथ दिल्ली की पूजा अग्रवाल और सोनिया शर्मा ने मिलकर 10 मीटर एयर पिस्टल के टीम इवेंट में 1070 पॉइंट लेकर गोल्ड जीता। मेजबान थाईलैंड 1048 पॉइंट के साथ सेकेंड पोजीशन पर रहा।  एकेडमी की फीस भरने के नहीं थे रूपए, अब  देश की नंबर वन प्लेयर....
 
 
- जबलपुर की रहने वाली रूबीना का यहां तक पहुंचने का सफर मुश्किलों भरा रहा। उनके पिता साइमन फ्रांसिस जबलपुर में बाइक सुधारने का काम करते थे।
- परिवार की आर्थिक स्थिती ठीक नहीं थी। रूबीना के दोनों पैर कमजोर और मुड़े हुए हैं। ऐसे में उन्हें चलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
- इसके बावजूद भी रूबीना ने 2014 में शूटिंग का कॅरिअर स्टार्ट किया। जबलपुर की गगन नारंग शूटिंग एकेडमी ने सेंट एलॉयसिस स्कूल में ट्रायल कैंप लगाया था।
- रूबीना भी उसमें शामिल हुई, 47 स्कोर किया। कैंप के बाद उन्हें 15 दिन के ट्रेनिंग के लिए चुना गया। फिर एक साल की ट्रेनिंग भी वहीं हुई।
- सब ठीक चल ही रहा था कि जबलपुर में ग्वारीघाट रोड पर उनके पिता साइमन की बाइक रिपेेयरिंग की दुकान को नगर निगम के दस्ते ने तोड़ दिया।
- घर उसी दुकान से चलता था, ऐसे में भूखो मरने की नौबत आ गई।
- एकेडमी का खर्च वहन करना मुश्किल हो रहा था। तब पिता ने घर-घर जाकर बाइक सुधारना शुरू किया और भाई एलेक्जेंडर ने पढ़ाई के साथ पीओपी करने का काम शुरू किया।
- इसके बाद भी फीस भरने नहीं दे सके तो एकेडमी से निकलना पड़ा। बाद में इसी साल जुलाई में एमपी स्टेट शूटिंग एकेडमी भोपाल में एडमिशन लिया और बैंकॉक के सफर तक पहुंच गई।
- इस एकेडमी में रूबीना का पूरा खर्च स्पोर्टस डिपार्टमेंट उठाता है।  खालसा स्कूल जबलपुर की 11वीं की छात्रा रुबीना 2014 से अब तक के अपने करियर में नेशनल लेवल में छह गोल्ड और एक सिल्वर मेडल जीत चुकी हैं।
- उन्होंने दो इंटरनेशनल टूर्नामेंट में भी पार्टिसिपेट किया। इससे पहले वह दुबई में इंटरनेशनल इवेंट में पार्ट लेने वाली सबसे कम उम्र की शूटर बनी थीं।
- उन्होंने इसमें सबसे ज्यादा पाइंट बनाए थे। देश में दिव्यांग कैटेगिरी में रूबीना की पहली रैंकिंग है। 
 
हमारे प्लेयर वर्ल्ड कप में जीत रहे हैं गोल्ड
- स्पोर्टस मिनिस्टर यशोधरा राजे सिंधिया के मुताबिक,  हमारे प्लेयर वर्ल्ड कप, एशिया कप, काॅमनवेल्थ जैसे बड़े टूर्नामेंट में लगातार मेडल जीत रहे हैं। यह प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि हैं। हमने 10-12 साल पहले जो सपना देखा था वह पूरा होते नजर आ रहा है। मैं रुबीना को बधाई देना चाहूंगी जिन्होंने स्वर्ण जीत हमें खुशियां दीं। 
 
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