अवध
इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर इस लेख में सुधार करें। स्रोतहीन सामग्री ज्ञानकोश के उपयुक्त नहीं है। इसे हटाया जा सकता है। (अगस्त 2016) स्रोत खोजें: "अवध" – समाचार · अखबार पुरालेख · किताबें · विद्वान · जेस्टोर (JSTOR) |
अवध अवध | |
---|---|
अवध क्षेत्र का आधुनिक मानचित्र | |
महाद्वीप | एशिया |
देश | भारत |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
समाहित क्षेत्र | |
भाषा | अवधी, हिन्दी और उर्दू |
क्षेत्रफल | |
• कुल | 68006 किमी2 (26,257 वर्गमील) |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 5,51,19,236 |
• घनत्व | 810 किमी2 (2,100 वर्गमील) |
बड़े नगर |
अवध वर्तमान उत्तर प्रदेश के एक भाग का नाम है जो प्राचीन काल में कोशल कहलाता था। इसकी राजधानी "फैजाबाद" अब "अयोध्या" थी। वर्तमान समय में अयोध्या जिले में आता है। अवध शब्द अयोध्या से ही निकला है। अवध की राजधानी प्रारम्भ में "अयोध्या" थी किन्तु बाद में लखनऊ आई थी। अवध पर नवाबों का आधिपत्य था जो प्रायः स्वतंत्र थे। चूंकि अवध के नवाब शिया मुसलमान थे अतः अवध में इसलाम के इस संप्रदाय को विशेष संरक्षण मिला। उर्दू कविता का भी प्रसिद्ध केंद्र रहा। दिल्ली केंद्र के नष्ट होने पर बहुत से दिल्ली के भी प्रसिद्ध उर्दू कवि लखनऊ वापस चले आए थे। अवध की पारम्परिक राजधानी लखनऊ है।
भौगोलिक रूप से अवध की आधुनिक परिभाषा - लखनऊ, सुल्तानपुर, रायबरेली, उन्नाव, कानपुर, भदोही, प्रयागराज, बाराबंकी,अयोध्या, अम्बेडकर नगर, प्रतापगढ़ , बहराइच, बलरामपुर, गोंडा, हरदोई, लखीमपुर खीरी, कौशाम्बी, सीतापुर, श्रावस्ती उन्नाव, फतेहपुर, कानपुर, (जौनपुर, और मिर्जापुर के पश्चिमी हिस्सों), कन्नौज, पीलीभीत, शाहजहांपुर से बनती है। मध्यकालीन समय में में अवध की राजधानी "फैजाबाद" अब "अयोध्या" थीं।
इतिहास
[संपादित करें]सन् 1764 ई. में बक्सर के युद्ध में अवध के नवाब हार गए, परन्तु लार्ड क्लाइव ने अवध उनको लौटा दिया, केवल इलाहाबाद और कड़ा जिलों को क्लाइव ने मुगल सम्राट् शाहआलम को दे दिया। वारेन हेस्टिंग्ज़ ने पीछे नवाब की सहायता करके रुहेलखंड को भी अवध में सम्मिलित करा दिया और शाहआलम से अप्रसन्न होकर प्रयागराज और कड़ा को अवध के नवाब के सुपुर्द कर दिया। 1775 ई. में अंग्रेजों ने अवध के नवाब से बनारस का जिला ले लिया और 1801 में रुहेलखंड ले लिया। इस प्रकार अवध कभी बड़ा, कभी छोटा होता रहा।
1856 में अंग्रेज़ों ने अवध को अपने अधिकार में कर लिया। 1857 के विद्रोह में अवध अंग्रेजों के हाथ से निकल गया था परंतु डेढ़ वर्ष की लड़ाई में अंतिम विजय अंग्रेजों की हुई। 1902 में आगरा और अवध के प्रांतों को एक में मिलाकर नया प्रांत बनाया गया जिसका नाम आगरा और अवध का "संयुक्त प्रांत" रखा गया, लिसे संक्षेप में "संयुक्त प्रांत" अथवा अंग्रेजी में केवल "यू.पी." कहा जाता था। इसी प्रांत का नामकरण उत्तर प्रदेश हो गया है जिसे अंग्रेजी में लिखे नाम के आदि अक्षरों के आधार पर अब भी "यू.पी." कहा जाता है।
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]- अवध संस्कृति विश्वकोश, भाग-१ (लेखक-सूर्यप्रसाद दीक्षित)
- अवध संस्कृति विश्वकोश, भाग-२ (लेखक-सूर्यप्रसाद दीक्षित)