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लंगूर

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लंगूर
Colobine monkeys[1]
पेंच राष्ट्रीय उद्यान, भारत में लंगूर
वैज्ञानिक वर्गीकरण
जगत: जंतु
संघ: रज्जुकी (Chordata)
वर्ग: स्तनधारी (Mammalia)
गण: नरवानर (Primates)
उपगण: हैप्लोरिनी (Haplorrhini)
अधःगण: सिमिफ़ोर्मीज़ (Simiiformes)
लघुगण: कैटारिनी (Catarrhini)
कुल: सेर्कोपिथेसिडाए (Cercopithecidae)
उपकुल: कोलोबिनाए (Colobinae)
जेर्दोन, १८६७
प्रकार वंश
सेर्कोपिथेकस (Cercopithecus)
वंश

लंगूर (Langur) या कोलोबिनाए (Colobinae) पूर्वजगत बंदरों का एक जीववैज्ञानिक उपकुल है जिसमें १० वंशों में वर्गीकृत ५९ जीववैज्ञानिक जातियाँ आती हैं। भारत का जाना-पहचाना धूसर लंगूर भी इसी उपकुल का सदस्य है।[2]

यह कद में बंदरी से कुछ बड़ा, लगभग दो फुट का होता है। लेकिन इसकी दुम इसके शरीर से लंबी रहती है। मादा नर से छोटी होती है। लंगूर एक जगद से दूसरी जगह छलांग लगाते हुए अगर पहुँचने में असमर्थ हो जाऐ तो अपनी पुँछ के सहारे जमीन पर पाँव रखे बिना अपने पूर्व के स्थान पर वापस आ जाता है। इसके शरीर का रंग सिलेटी तथा अयाल भूरा होता है जो ऊपर की ओर गाढ़ा और नीचे की ओर हलका रहता है। चेहरे, कान, तलुए और हाथ-पैर का बाहरी हिस्सा काला रहता है। लंगूर, बंदरों से कम ऊधमी होते हैं और आबादियों की अपेक्षा जंगलों में रहना अधिक पसंद करते हैं, लेकिन कहीं-कहीं बस्तियों में भी इनके बड़े-बड़े गोल दिखाई पड़ते हैं। इनका मुख्य भोजन फल-फूल है, लेकिन बंदरों की तरह, ये गल्ला, कीड़े मकोड़े और अंडे भी खा लेते हैं। मादा एक बार में एक बच्चा देती है, जो कुछ समय तक माँ के पेट से चिपका रहता है। पंछियो मे से लंगूर के दुश्मन कौवे होते है जो अक्सर लंगूरो को अपने इलाके में आने पर उन्हें भगाते है। वयस्क नर लंगूर का वजन १८ किलो तक होता है वही मादा लंगूर ११ किलो होती है वे १२ से १५ फ़ीट तक की छलांग लगा सकते है। भूरे लंगूरो की प्रजाति उत्तरी हिमालय से लेकर दक्षिणी श्रीलंका और बांग्लादेश से लेकर पाकिस्तान तक इनकी मौजूदगी है यही इनकी आधे से ज्यादा तादात पाई जाती है। वे इंसानो के बिच शहरी भागो में भी रहते है सबसे ज्यादा मानवी इलाको में इनकी तादाद भारत के जोधपुर शहर में है।

शारीरिक व्यवहार

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लंगूर छलांग मारने के साथ दौड़ने में भी तेज होते है उनके पतले शरीर, कम वजन के कारण वे आसानी ऊंचे पेड़ो और पठारो पर चढ़ पाते है, यह प्रतिभा उन्हे शिकारियों से बचाती है। उनकी एक छलांग दस से बारह फीट तक होती है। पतले पैरो के कारण वे खुद के वजन को किसी चीज के सहारे अपने शरीर को संतुलित या लटकाए रखते है।

सन्दर्भ

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  1. Groves, C.P. (2005). Wilson, D.E.; Reeder, D.M., eds. Mammal Species of the World: A Taxonomic and Geographic Reference Archived 2013-06-20 at the वेबैक मशीन (3rd ed.). Baltimore: Johns Hopkins University Press. pp. 152–178. OCLC 62265494. ISBN 0-801-88221-4.
  2. Sterner, Kirstin N.; Raaum, Ryan L.; Zhang, Ya-Ping; Stewart, Caro-Beth; Disotell, Todd R. (2006). "Mitochondrial data support an odd-nosed colobine clade" (PDF). Molecular Phylogenetics and Evolution. 40 (1): 1–7. PMID 16500120. डीओआइ:10.1016/j.ympev.2006.01.017. मूल से 17 दिसंबर 2008 को पुरालेखित (PDF). अभिगमन तिथि 25 नवंबर 2016.